World Rose Day: हर साल 22 सिंतबर को वर्ल्ड रोज डे (World rose day) मनाया जाता है। ये रोज़ डे फरवरी में आने वाली रोज़ डे से काफी अलग तरीके से सेलिब्रेट किया जाता है। साथ ही इसे मनाने के पीछे का रीज़न भी बेहद खास और अलग होता है। वर्ल्ड रोज डे कनाडा की 12 वर्ष की कैंसर विक्टिम मेलिंडा रोज की याद में भी मनाया जाता है। कैंसर पीड़ित मेलिंडा ने अपने जीवन के आखिरी 6 महीनों में अपने आस-पास खूब खुशियां बांटी।
‘वर्ल्ड रोज डे’ का इतिहास
World Rose Day:1994 में महज़ 12 साल की उम्र में मेलिंडा रोज ब्लड कैंसर की शिकार हो गई थीं। उनका काफी इलाज़ करवाया गया। लेकिन उस दौरान कैंसर का इलाज़ मानों असंभव ही था। डॉक्टर्स ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे। ट्रीटमेंट के दौरान डॉक्टर्स ने कहा था कि – मेलिंडा रोज एक हफ्ते से ज्यादा जीवित नहीं रह पाएंगी। ये वक्त बेहद ही मुश्किल था। लेकिन नन्हीं मेलिंडा ने जीने की उम्मीद नहीं छोड़ी और नाही हार मानी। बच्ची ने अपनी हिम्मत के साथ डॉक्टर्स को गलत साबित किया।
World Rose Day 2022: कैंसर प्रभावित लोगों के लिए मनाया जाता है वर्ल्ड रोज डे जानिए विस्तार से
ये दिवस कैंसर के मरीजों के लिए क्यों होता है जरुरी

World Rose Day:मेलिंडा 6 महीने तक जिंदा रही और दुनिया के लिए एक मिसाल बन गई। अपनी उम्मीद और हौसलों से मेलिंडा ने वो कर दिखाया जो शायद किसी ने न किया हो। हालांकि 6 महीने बाद उन्होंने दुनिया से विदा ले ली। जीवित रहते हुए उन्होंने कई कविताएं और पत्र लिखें। 6 महीनों तक मेलिंडा अपने आस-पास कैंसर मरीज़ों को रोज़ दिया करती थीं। उन्हें खुश रखने की कोशिश किया करती थीं।

कैंसर पीड़ित मरीज’ को गुलाब
World Rose Day:आज के दिन कैंसर से लड़ने वाले मरीज़ों को रोज़ देकर जीने की उम्मीद दी जाती है। उनके हौसले को बढ़ाया जाता है। कैंसर का इलाज़ कितना दर्दभरा होता है ये तो केवल मरीज़ ही समझ सकता है। ‘विश्व रोज डे’ के दिन कैंसर पीड़ित मरीज को गुलाब दिया जाता है जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने की शक्ति मिले। कैंसर पीड़ितों को गुलाब देकर यह संदेश देने की कोशिश की जाती हैं कि कैंसर जिंदगी का अंत नहीं है।