देश के अंदर बढ़ती बेरोजगारी के बीच आज के समय में प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल कर पाना काफी कठिन काम है। अगर आप भी किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या फिर आप अपना जनरल नॉलेज बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको हर जानकारी से अपडेट रहना जरूरी है, क्योंकि हर तरह की प्रतियोगिता परीक्षाओं में जनरल नॉलेज के सवाल जरूर होते हैं। अगर हम यूपीएससी परीक्षा की बात करें तो इसके लिखित परीक्षा से लेकर इंटरव्यू राउंड तक जनरल नॉलेज के सवाल पूछे जाते हैं। इस परीक्षा में, खास कर देश की अहम सेवा से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
इसमें सबसे ज्यादा अहम होता है न्याय विभाग। अगर आप कभी कोर्ट में गए हो या फिर फिल्मों में देखा होगा कि कोर्ट यानी न्यायालय में कुछ लोग अपने क्लाइंट की ओर से दलील देते नजर आते हैं। इन लोगों को कहते हैं वकील। वकीलों की पहचान होती है काला कोट और व्हाइट शर्ट। इन वकील को कोई अधिवक्ता भी कहता है, लेकिन सबसे ज्यादा इन्हें लॉयर और एडवोकेट के नाम से बुलाया और जाना जाता है।
लॉयर कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे अटॉर्नी, एडवोकेट और सॉलिसिटर इनमें से सभी कानून के अलग-अलग फील्ड के स्पेशलिस्ट होते हैं। सबसे पहले बात कर लेते हैं हम लॉयर के बारे में। लॉयर उस व्यक्ति को कहा जाता है जो अभी भी कानून की, एलएलबी की पढ़ाई करने में लगा है, इस व्यक्ति के पास अदालत में केस लड़ने के लिए अनुमति नहीं होती है। क्योंकि बिना पूरी पढ़ाई की वकालत करने के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जा सकता है। हालांकि, ये आवश्यक नहीं है कि कोई भी कानून की पढ़ाई किया हुआ शख्स एडवोकेट हो।
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एडवोकेट आमतौर पर एक वकील को ही कहा जाता है। यह वह व्यक्ति होता है, जिसने कानून की पढ़ाई पूरी कर ली होती है और वह कोर्ट के वकील के तौर पर प्रैक्टिस कर रहा होता है। या यूं कहें कि एक एडवोकेट वह व्यक्ति होता है, जिसकी स्टूडेंट लाइफ खत्म हो चुकी होती है। एडवोकेट को स्कॉटिश और दक्षिण अफ्रीका में बैरिस्टर कहा जाता है। इसके उदाहरण के रूप में आप महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका यात्रा को ले सकते हैं। जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे तो वे बैरिस्टर की उपाधि लेकर लौटे थे। हर लॉयर एडवोकेट हो ऐसा जरूरी नहीं है, लेकिन हर ए़डवोकेट लॉयर होता है। अगर कोई व्यक्ति किसी और के लिए केस लड़ता है तो वह एडवोकेट होता है। एक तरीके से यह प्रोफेशनल होता है।
जानें दोनो के बीच में मुख्य अंतर?
– एक लॉयर वह व्यक्ति होता है, जिसने कानून की पढ़ाई और ट्रेनिंग प्राप्त की होती है। लॉयर शब्द एक बहुत ही प्रचलित शब्द है। जबकि एडवोकेट एक विशेष प्रकार का लॉयर होता है जो किसी भी कोर्ट में अपने क्लाइंट का पक्ष रखने के लिए खड़ा हो सकता है। एडवोकेट शब्द का उपयोग यूएसए यानी संयुक्त राज्य अमेरिका में नहीं किया जाता है, वहां उन्हें केवल लॉयर कहा जाता है, लेकिन एडवोकेट शब्द का उपयोग मुख्य रूप से यूनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देशों में किया जाता है।
– एडवोकेट का काम अदालत में अपने क्लाइंट का प्रतिनिधित्व करना और उनका पक्ष रखना होता है। वहीं लॉयर का काम होता है कानूनी सलाह देना, किसी मामले में जनहित याचिका दाखिल करना आदि। सबसे बड़ी बात यहां पर यह है कि इनकी भूमिका लॉयर के प्रकार के अनुसार बदल भी सकती है। एडवोकेट लॉयर से एक कदम आगे का पद होता है। एडवोकेट का कार्य और दायरा लॉयर से बड़ा होता है।