UPSC IAS : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की कोचिंग एक सप्ताह जाकर छोड़ दी। पहले दो प्रयासों में असफलता मिली। प्रीलिम्स तक नहीं निकल पाया।
UPSC IAS:लेकिन अपने लक्ष्य और रणनीति पर अडिग रहीं और तीसरे प्रयास में शानदार रैंक लाकर सबको चौंका दिया। यहां बात हो रही है दिल्ली की रहने वाली सुरभि गोयल जिन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2021 में 78वीं रैंक हासिल की। सुरभि को आईएफएस सर्विस आवंटित हुई है।

UPSC IAS:आईटी में बीटेक करने के बाद साल 2018 में सुरभि गोयल ने कैट परीक्षा ( CAT Exam ) दी थी जिसमें उन्होंने 98.71 परसेंटाइल अंक हासिल किए। उनके पास आईआईएम कोलकाता का कॉल लेटर था। लेकिन उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विसेज की राह को चुना।
बिना कोचिंग यूपीएससी क्रैक कर बेहतरीन मिसाल पेश करने वाली सुरभि की स्कूलिंग दिल्ली के शालीमार बाग इलाके में स्थित एक स्कूल से हुई। उनके पिता वकील और मां गृहणि हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने उन गलतियों का जिक्र किया जिनकी वजह से वह लगातार दो बार प्रीलिम्स में फेल हो गई थीं। उन्होंने कहा, ‘यूपीएससी के पहले प्रयास में मैं अंडर कॉन्फिडेंस थी।
UPSC IAS:मैंने पढ़ाई पूरी की थी। भरोसा होना चाहिए था। मॉक कम दिए थे। सिर्फ 7-8 मॉक ही दिए थे। जो आता था, वह भी ठीक से नहीं कर पाई। कम से कम 30-40 मॉक देने चाहिए। दूसरी अटेम्प्ट में प्रीलिम्स में मैं एक नंबर से चूक गई। स्ट्रेस काफी था। तीसरी बार मैंने 80 प्रश्न अटेम्ट किए थे। बिना किसी तनाव और दबाव के एग्जाम दिया था। इस बार उन्होंने बाजी मार ली।
UPSC IAS: बिना कोचिंग यूपीएससी क्रैक कर बेहतरीन मिसाल पेश करने वाली सुरभि गोयल, जानिए पूरी कहानी

UPSC IAS:सुरभि ने अपनी स्टैटेजी बताते हुए कहा कि वह दिन में 8-9 घंटे बढ़ा करती थीं। तीन से चार घंटे बढ़ने के बाद आधा घंटा ब्रेक लेती थीं। सोशल मीडिया पर काफी कम एक्टिव थीं। एंथ्रोपॉलोजी उनका ऑप्शनल रहा।
एक सप्ताह जाकर छोड़ दी कोचिंग
सुरभि ने बताया कि उन्होंने कोचिंग सिर्फ एक सप्ताह जाकर छोड़ दी। उन्हें सेल्फ स्टडी का कॉन्सेप्ट ज्यादा बेहतर लगा। उन्होंने कहा, ‘कोचिंग में एक-एक सब्जेक्ट एक दिन में पढ़ाया जाता है। मैं एक बार में पूरा सब्जेक्ट कवर करना चाहती थी।’
मेन्स की तैयारी पहले करें
यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को टिप्स देते हुए उन्होंने कहा, ‘मेन्स की तैयारी पहले करनी चाहिए। प्रीलिम्स से पहले के 3-4 महीने ही प्रीलिम्स के लिए रखने चाहिए।
ऑप्शनल की तैयारी भी पहले करें। जीएस-4 की तैयारी जितनी अच्छी होगी, उतना बेहतर होगा, इसलिए इसकी तैयारी पहले करें। इसके बाद जीएस-1, 2, 3।
निबंध वीकली कर सकते हैं। तैयारी में वह टॉपरों की स्ट्रेटजी भी देखा करती थीं।
सुरभि ने सुझाए विषयवार स्त्रोत
- पॉलिटी के लिए एम लक्ष्मीकांत
- हिस्ट्री के लिए स्पेक्ट्रम
- ज्योग्राफी के लिए 11वीं, 12वीं की एनसीईआरटी।
- इकोनॉमिक्स के लिए मृणाल सर की लेक्चर व शंकर आईएस की किताब।
- प्राचीन इतिहास के लिए आरएस शर्मा की किताब।
- मध्यकालीन भारत के लिए सतीश चंद वर्मा।
- केस स्टडी के लिए आर राजगोपालन।