MP में होती है दुनिया के सबसे महंगे आम की खेती
जबलपुर (Jabalpur)अभी तक आपने देश में वीवीआइपी लोगो को जेड प्लस की सुरक्षा में देखा होगा लोगों को अपने घर की सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड और डॉग तैनात करते हुए देखा होगा. लेकिन कभी आपने आम के बगीचे की सुरक्षा के लिए आधा दर्जन से ज्यादा सुरक्षा गार्ड एवं सीसीटीवी कैमरे और 9 खूंखार किस्म के डॉग की तैनाती के बारे में कम सुना होगा लेकिन आज हम आपको रियल खबर के बारे में जानकारी बताने जा रहे हैं. जी हां जबलपुर के चरगवां रोड हिनौता गांव में एक आम के बगीचे में जापानी किस्म के आम की सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड एवं डॉग को तैनात किया गया है. जो कि 24 घंटे आम की सुरक्षा कर रहे हैं. इन नामों की कीमत सैकड़ों या हजारों में नहीं है.बल्कि लाखों में है आम भी खास किस्म का है टाइयो नो टमैंगो (taiyo no tamago)यह इनका जापानी नाम है बगीचे के मालिक संकल्प सिंह परिहार (Sankalp Singh Parihar)के मुताबिक पिछले साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस आम को 2.70 लाख रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा गया था.उन्होंने बताया कि नागपुर के एक व्यापारी एक आम के लिए 21000 रूपए तक देने की पेशकश की थी.
जबलपुर में कहां है बगीचा
जबलपुर शहर से 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित हिनौता ग्राम रहने वाले संकल्प परिहार पहले की तरह खेती कर रहे थे कुछ साल पहले संकल्प ने जापान देश के चर्चित आम टाइयो नो टमैंगो को लगवाया था वर्ष 2021 में टाइयो नो टमैंगो के पौधे पेड़ बने तो उसमें आम लगना प्रारंभ हो गया जून 2021 में टाइयो नो टमैंगो आम एवं जब लोगों के सामने आया तो सभी आश्चर्यचकित रह गए. जापान जैसे देशों में ग्रीन हाउस में उगाए जाने वाले दुनिया का सबसे महंगा आम है दाम टाइयो नो टमैंगो जबलपुर में बिना किसी ग्रीन हाउस के खुले वातावरण में बगीचे में लगाया गया है जबलपुर के टेमेगो आम की चर्चा पूरे देश में होने लगी है भारत के विभिन्न प्रांतों के लोग संकल्प परिहार से टाइयो नो टमैंगो आम के बारे में चर्चा करने लगे हैं.
आम के विशेषज्ञों का कहना है
आम के जानकारों का कहना है कि ये आम जब पूरी तरह से पक जाता है तो इसका वजन 900 ग्राम तक पहुंच जाता है. साथ ही इसका रंग हल्का लाल और पीला हो जाता है और इसकी मिठास भी सबको अपनी तरफ आकर्षित करती है. इसके अलावा इसमें अन्य आमों के मुकाबले रेशे बिल्कुल नहीं पाए जाते हैं.

कितने एरिया में आम खेती कर रहे है संकल्प सिंह परिहार
संकल्प सिंह परिहार ने बताया कि शुरुआत में 4 एकड़ के बगीचे में उन्होंने आम के कुछ पेड़ लगाए थे. अब उनके बगीचे में 14 हाइब्रिड तथा छह विदेशी किस्म के आम हैं. फिलहाल उन्होंने अपने 4 एकड़ के बगीचे में 14 अलग-अलग किस्म के आमों को लगा रखा है. इसके अलावा उन्होंने टाइयो नो टमैंगो के भी 52 पेड़ भी लगाए हुए हैं.
जापान में होने वाला आम जबलपुर में कैसे पेड़ तैयार हो गया
बगीचे के मालिक संकल्प सिंह परिहार ने बताया कि उनकी पत्नी रानी सिंह जब 3 साल पहले ट्रेन में सफर कर रही थी तब उन्हें एक यात्री ने गिफ्ट के रूप में आम का पौधा दिया था और उसे ठीक से पालने के लिए कहा था. तब संकल्प और उनकी पत्नी को यह नहीं पता था कि या कोई सामान्य आम नहीं बल्कि टाइयो नो टमैंगो का पौधा है लेकिन अब यह पौधा उनके जीवन में चार चांद लगा रहा है.

भीषण गर्मी से बचाने के क्या है उपाय
पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष देश में भीषण गर्मी का असर देखने को मिल रहा है. इस भीषण गर्मी में पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त होता नजर आ रहा है. जिसका प्रकोप जबलपुर के इस बगीचे में टाइयो नो टमैंगो भी दिखने लगा है भीषण गर्मी से बचाने के लिए बगीचे मालिक संकल्प परिहार ने आम ऊपर ग्रीन नेट लगा रखा है ताकि भीषण गर्मी से बचाया जा सके.
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