Success Story: Self study के दम पर किसान की 3 बेटियों ने क्रैक की सिविल सेवा परीक्षा, बन गयी अफसर, पढ़िए पूरी स्टोरी। किसी ने क्या खूब कहा है कि “अगर निगाहें मंजिल पर हो, तो रास्ते में पत्थर नहीं देखा करते.” ऐसी ही कुछ मिसाल पेश की है राजस्थान के हनुमानगढ़ के भेरूसरी गांव की रहने वाली 3 बहनों (अंशु, ऋतु और सुमन) ने. तीनों बहनें ने एक साथ राजस्थान प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर ऑफिसर बन गई।
बिना कोचिंग के किसान की 3 बेटियों ने क्रैक की सिविल सेवा परीक्षा

Success Story: राजस्थान प्रशासनिक सेवा के रिजल्ट के मुताबिक, अंशु ने 31वीं रैंक हासिल की तो ऋतु को 96 और सुमन को 98 रैंक मिली। तीनों बहनों का यह दूसरा अटेंप्ट था। रिजल्ट आने के बाद अंशु, ऋतु और सुमन ने बताया कि उनके पिता एक किसान हैं, जिस कारण उन्होंने अपनी पढ़ाई सेल्फ स्टडी के जरिए ही की। तीनों बहनों ने बताया कि पांचवी तक वे लोग सरकारी स्कूल में ही पढ़े थे. इसके बाद उनकी पढ़ाई घरों पर ही हुई थी। इसलिए परीक्षा की तैयारी के दौरान वे लोग एक दूसरे के साथ मिलकर सेल्फ स्टडी करते थे।
Know on which posts the three sisters were appointed
Success Story: तीनों बहनों ने बताया कि उन्हें पढ़ने की प्रेरणा उनकी दो बड़ी बहनों से मिली है। उनकी एक बहन राजस्थान में बीडीओ के पद पर तैनात है, जबकि दूसरी बहन भी सहकारी विभाग में अधिकारी के पद पर हैं।
सेल्फ स्टडी के दम पर दिखाया ये अजूबा
Showed this wonder on the basis of self study
Success Story: उनके पिता सहदेव सहारन ने कहा कि उनके बच्चों ने गांव में पांचवीं कक्षा तक ही पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने सेल्फ स्टडी के जरिए ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC NET) भी क्वालिफाई किया है। उन्होंने आज तक कोई ट्यूशन नहीं लिया।
Success Story: बिना कोचिंग के किसान की 3 बेटियों ने क्रैक की सिविल सेवा परीक्षा, बन गयी अफसर,जाने पूरी स्टोरी

पिता सहदेव सहारन की बेटियों ने पूरे गांव को गौरवान्वित किया
The daughters of father Sahdev Saharan made the whole village proud
सहदेव सहारन बताते हैं कि उनकी बेटियों ने पूरे गांव को गौरवान्वित किया है. उन्होंने कहा कि उनकी उपलब्धि उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो बेटियों को बोझ समझते हैं।