Solar eclipse: सूर्य ग्रहण आने वाला है 25 तारीख को पर आज से ही तुलसी के पत्ते तोडा वर्जित क्यों, जाने वजह, सूर्य ग्रहण से करीब 12 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है. सूतक की शुरुआत से लेकर ग्रहण के अंत तक का समय शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए इस दौरान पूजा आदि करना और कुछ भी खाना-पीना मना है. सूतक लगाते ही मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. इसके अलावा सूतक शुरू होने से पहले ही खाने-पीने में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाते हैं.
Solar eclipse: हिन्दू धर्म में तुलसी को ईश्वर का रूप माना जाता है और इसकी पूजा की जाती है. लोग अपने घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी पूजा करते हैं. वहीं, हर शुभ काम में भी तुलसी के पत्तों का खास महत्व होता है. भगवान को किसी भी व्यंजन का भोग लगाने से पहले भी उसमें तुलसी के पत्ते डाले जाते हैं. हम सभी को पता है कि इस बार दीवाली के मौके पर सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है. ये दीवाली के अगले दिन मंगलवार यानी 25 अक्टूबर को है. उस दिन भोजन-पानी जैसी चीजों की शुद्धता बनाए रखने के लिए उसमें तुलसी के पत्ते डालने जरूरी हैं. लेकिन सूर्य ग्रहण से दो दिन पहले ही तुलसी को स्पर्श करना निषेध हो जाएगा और इन दिनों किसी को भी तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए.

इस दिन पहले ही तोड़कर रख लें तुलसी के पत्ते
Solar eclipse: कानपुर के ज्योतिषाचार्य पंडित शरद त्रिपाठी ने बताया कि 24 अक्टूबर को अमावस्या है. उस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से ब्रह्महत्या का पाप लगता है. 23 अक्टूबर को रविवार है और रविवार को तुलसी को स्पर्श करना और पत्ते तोड़ना वर्जित होता है. मान्यता है कि रविवार के दिन तुलसी तोड़ने वाले को महापाप लगता है. इसलिए तुलसी के पत्ते 22 अक्टूबर को दिन में 12 बजे से पहले तोड़ लें क्योंकि 12 बजे के बाद पत्ते नहीं तोड़ सकेंगे.
सूतक से पहले खाने-पीने की चीज में डाल दें तुलसी के पत्ते
Solar eclipse: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण से करीब 12 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है. सूतक की शुरुआत से लेकर ग्रहण के अंत तक का समय शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए इस दौरान पूजा आदि करना और कुछ भी खाना-पीना मना है. सूतक लगाते ही मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. इसके अलावा सूतक शुरू होने से पहले ही खाने-पीने में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि जिस चीज में तुलसी का पत्ता गिरता है. वो चीज अशुद्ध नहीं होती. ग्रहण काल समाप्त होने के बाद इसको फिर से उपयोग किया जा सकता है.
Solar eclipse: 25 तारीख को सूर्य ग्रहण लगने वाला है तुलसी के पत्ते को न थोड़े, जाने कारण क्या है
जानिए पहले सूतक के बारे में
Solar eclipse: पंडित शरद त्रिपाठी ने बताया कि सूतक सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले लगता है. ज्योतिष शास्त्र में यह माना जाता है कि राहु-केतु ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा को परेशान करते हैं. इस वजह से वे काफी कमजोर हो जाते हैं.
Solar eclipse: ऐसे में ग्रहण से चंद घंटे पहले प्रकृति काफी संवेदनशील हो जाती है. वातावरण में कई नकारात्मक स्थितियां उत्पन्न होती हैं. इसे सूतक काल कहते हैं. शास्त्रों में सूतक से ग्रहण काल के अंत तक का समय अशुभ माना गया है. इसलिए इस दौरान खाने-पीने, पूजा-पाठ आदि पर पाबंदी है. हालांकि गंभीर रूप से बीमार मरीजों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुछ नियमों के साथ छूट दी गई है.

इसलिए खाने-पीने की चीजों में डालते हैं तुलसी का पत्ता
Solar eclipse: वैज्ञानिक रूप से माना जाता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में मौजूद किरणें नकारात्मक प्रभाव छोड़ती हैं. ऐसे समय में अगर खाने-पीने का सामान खुला रखा जाए, या इस दौरान कुछ खाया-पिया जाए तो इन किरणों का नकारात्मक प्रभाव उस चीज तक पहुंच जाता है. इसका नकारात्मक असर हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है.
तुलसी का प्रभाव
Solar eclipse: तुलसी के पत्तों में पारा मौजूद होता है. पारा में किसी प्रकार की किरणों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. मान्यता है कि ग्रहण के समय आकाश और ब्रह्मांड से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा तुलसी के पास आते ही निष्क्रिय हो जाती है. इससे तुलसी के पत्ते जो भी चीजें डालते हैं, वे चीजें वातावरण में मौजूद किरणों के नकारात्मक प्रभाव से बच जाती हैं. इसलिए उन चीजों को शुद्ध माना जाता है.