Friday, September 22, 2023
Homeखरी-खरी/मुद्दे की बातसिंगरौली:सब रजिस्ट्रार दफ्तर में कौन ले रहा प्रति रजिस्ट्री में दो-दो हजार...

सिंगरौली:सब रजिस्ट्रार दफ्तर में कौन ले रहा प्रति रजिस्ट्री में दो-दो हजार रूपये?


कलेक्ट्रेट भवन में संचालित है उप पंजीयक कार्यालय


अनोखी आवाज सिंगरौली । कलेक्टे्रट भवन में संचालित सब रजिस्ट्रार दफ्तर में प्रति रजिस्ट्री दो से तीन हजार रूपये कौन वसूल रहा है। शाम ढलते ही दिनभर का हिसाब किताब लेने वाला कौन है? यह इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं इस मामले में प्रभारी पंजीयक भी अंजान बने हुए हैं।


गौरतलब हो कि उप पंजीयक दफ्तर सिंगरौली अपनी कार्यप्रणालियों को लेकर चर्चाओं में है। सूत्र बता रहे हैं कि उप पंजीयक दफ्तर में इन दिनों दलाल इतने सक्रिय हैं कि प्रति रजिस्ट्री में दो से तीन-तीन हजार रूपये नगद नारायण वसूला जा रहा है। यह नगद नारायण कथित सेवा प्रदाताओं के माध्यम से किया जा रहा है और गिने चुने ही कथित सेवा प्रदाता राशि एकत्रित कर पहुंचा दे रहे हैं। रोजाना चितरंगी, सिंगरौली तहसील क्षेत्र की करीब एक सैकड़ा से अधिक स्लाट निर्धारित है। जहां रोजाना सुबह 10.30 बजे से शाम 4.30 तक रजिस्ट्रियां की जा रही हैं। सूत्र बताते हैं कि सब रजिस्ट्रार दफ्तर में भर्रेशाही का बोलबाला है।

हिसाब किताब के लिए एक नये दलाल को बुलाया गया है। जहां कथित दलाल दफ्तर में बैठकर नजरें रखता है। रोजाना आधा सैकड़ा से अधिक रजिस्ट्रियों के क्रेताओ से दो से तीन हजार रूपये वसूल कर कहां खपाया जा रहा है। उक्त भारी भरकम राशि का लेनदार कौन है इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि इस मामले में पंजीयक दफ्तर का अमला कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। उधर उप पंजीयक के कई ऐसे काले कारनामे हैं जिसका अब धीरे-धीरे मामला सामने आने लगा है। फिलहाल उप पंजीयक दफ्तर में सक्रिय दलालों एवं वसूली को लेकर जिला प्रशासन के साथ-साथ भाजपा सरकार के प्रति भी लोगों की नाराजगी बढ़ेने लगी है।


एक रजिस्ट्री को लेकर साहब को भोपाल से मिली थी जमकर फटकार


बैढऩ इलाके के भूमि व मकान की रजिस्ट्री को लेकर पिछले सप्ताह उप पंजीयक दफ्तर के साहब को भोपाल से कड़ी फटकार मिलने की खबर है। सूत्र बताते हैं कि पहले साहब ने रजिस्ट्री करने से नानुकूर करने लगे थे। इसके पीछे मंशा क्या थी इसका भेद नहीं खुल पाया है। जब लगा कि साहब का पारा चढ़ा है और वे मानने वाले नहीं है तब क्रेता ने भोपाल एक वरिष्ठ अधिकारी के यहां फोन लगा दिया। फिर क्या साहब के चेहरे पर पसीना आने लगा और आनन-फानन में के्रता-विक्रेता की तलाश शुरू कर दिये। हालांकि साहब के ऐसे कई कहानी- किस्से हैं जहां कई रजिस्ट्रियां नियम विरूद्ध तरीके से की गयी हैं। तत्कालीन अपर कलेक्टर ऋजु बाफना के यहां शिकायत भी हुई थी। शायद अभी तक मामले का निराकरण नहीं हुआ है। शिकायत ठण्डे बस्ते में पड़ी है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments