Singrauli News :सामाजिक न्याय विभाग ने दिव्यांगों के सहायक उपकरण उपलब्ध कराने के नाम पर डिस्ट्रिक्ट मिनरल फण्ड के स्वीकृत 3 करोड़ रूपये पानी की तरह फूंक दिया है. हैरानी की बात है कि 3 करोड़ रूपये खर्च कर दिया, लेकिन इनके पास डीपीआर नहीं है.
Singrauli News :यह हम नहीं बल्कि खुद सूचना अधिकारी अधिनियम के तहत मांगी गयी जानकारी से स्पष्ट हो रहा है। आधी अधूरी जानकारी देकर सामाजिक न्याय विभाग अपनी जबावदेही से पल्ला झाड़ ले रहा है.
गौरतलब हो कि सामाजिक न्याय विभाग सिंगरौली को जिला खनिज प्रतिष्ठान से दिव्यांगों के सहायक उपकरण उपलब्ध कराने व वितरण कराने के लिए 3 करोड़ रूपये की मंजूरी दी गयी थी और आरोप है.
Singrauli News :कि सामाजिक न्याय विभाग ने भारत सरकार के सभी कायदे कानून को तिलांजलि देते हुए डीडीआरसी के लिए तय किये गये गाइड लाइन को नजर अंदाज कर भारत सरकार के उपक्रम बेसिल कंपनी पर दरियादिली दिखाते हुए बड़ी मेहरबानी की। उप संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग सिंगरौली पर यह भी गंभीर आरोप है कि इन्होंने बिना टेण्डर प्रक्रिया अपनाते हुए 3 करोड़ रूपये का कार्य बेसिल कंपनी को सौंप दिया और बेसिल कंपनी ने भी इंदौर की एक एनजीओ एलिम्को संस्था को कार्य दे दिया। जहां दिव्यांगों को गुणवत्ताविहीन सहायक उपकरण उपलब्ध कराया गया है.
हैरानी की बात है कि जिला मुख्यालय में दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र भी संचालित है। इन्हें सहायक उपकरण सामग्री वितरण करने का जिम्मा इसलिए नहीं सौंपा की उक्त विभाग के उप संचालक के मंशा पर खरे न उतरते। संभवत: इसीलिए बेसिल कंपनी को कामकाज सौंप दिया था। इधर दिव्यांग सहायक उपकरण के लिए 3 करोड़ रूपये की मंजूरी मिल गयी, लेकिन आज तक डीपीआर तक नहीं मिला है.
Singrauli News :उसके बदले में उप संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग सिंगरौली ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गयी जानकारी में आवेदक को आयोजित होने वाले शिविर की जानकारी दे दिया है। शायद वे डीपीआर देेने में झिझक रहे हैं या फिर विभाग की कलई को बचाने के लिए अनभिज्ञ बन रहे हैं.
ताजुब की बात है कि उक्त विभाग के उप संचालक अनुराग मोदी ने भी आवेदक को गुमराह करने का हर संभव प्रयास किया है। 28 फरवरी को तय किये गये क्लस्टर शिविरों की सूची को ही सहायक उपकरण का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी डीपीआर ही मानकर बैठे हैं.
Singrauli News : सामाजिक न्याय विभाग में जमकर किया बंदरबांट बिना DPR के फूंक दिये 3 करोड़ रूपये, DMF फण्ड की राशि
Singrauli News :उक्त विभाग के द्वारा आधी-अधूरी जानकारी उपलब्ध कराये जाने को लेकर आवेदक ने जिला पंचायत सिंगरौली के अतिरिक्त मुख्य कारण अधिकारी एवं उप संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि सहायक उपकरणों के खरीदी में व्यापक पैमाने पर राशि की बंदरबांट की गयी है। शायद इसीलिए डीपीआर देने में आना-कानी व टाल-मटोल की जा रही है.

छ: महीने बाद भी नहीं मिला डीपीआर
दिव्यांगों के सहायक उपकरण उपलब्ध कराने के पूर्व डीपीआर तैयार किया जाता है। डीपीआर में कहां-कहां राशि खर्च करने की आवश्यकता है। सब कुछ शामिल रहता है। इसी की जानकारी सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सामाजिक न्याय विभाग सिंगरौली से मांगी गयी थी। मार्च महीने में सूचना अधिकार के तहत आवेदन दिया गया.
Singrauli News :किन्तु अभी तक डीपीआर संबंधी जानकारी मुहैया नहीं करायी गयी है। साथ ही दिव्यांग हितग्राहियों को वितरित सहायक दिव्यांग उपकरण की सूची की भी मांग की गयी थी। शिविर का समापन 7 अपै्रल 2022 को पूर्ण हो गया इसके बाद भी उक्त सूची अभी तक नहीं दी गयी। आज बुधवार को स्पीड पोस्ट से आधी-अधूरी जानकारी उक्त विभाग के कर्मठ अधिकारी ने भेजवाया है। उनकी कर्मठता इसी से पता चलता है कि डीएमएफ फण्ड से मंजूर 3 करोड़ रूपये की रकम कैसे इधर-उधर किया जा सकता है इसके वे सबसे बड़े खिलाड़ी लग रहे हैं.