देर रात चल रहा था सम्मान समारोह,एसपी के हस्तक्षेप के बाद रुका कार्यक्रम
Ashish panday/ Pankaj Tiwari
अनोखी आवाज़ सिंगरौली। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन को देखते हुए शिवराज सरकार सख्त है। सरकार के आदेश के बाद जिला प्रशासन भी नाइट कर्फ्यू को लेकर एक्टिव है। कोरोना के रोकथाम के लिए संपूर्ण जिले में नाइट कर्फ्यू लागू है। नव वर्ष को देखते हुए जिला प्रशासन ने बीते शुक्रवार को नाइट कर्फ्यू का पालन करने के लिए अलाउंस कर रही थी। वही एनसीएल के सीएमडी पीके सिन्हा 31 दिसम्बर 2021 को सेवानिर्वित हुए थें। उसी के उपलक्ष्य में अधिकतर परियोजना में कार्यक्रम आयोजित हुआ था। लेकिन अफरा तफरी तब मच गई जब ऑफिसर क्लब जयंत में पुलिस पहुंच कर कार्यक्रम को बंद कराने लगी। एनसीएल अधिकारीयों द्वारा क्लब में बिना परमिशन के नियमों को ताक पर रखकर देर रात तक सैकड़ों भीड़ के साथ कार्यक्रम का लुफ्त उठा रहे थे। लेकिन कहते है ना नियम सबके लिए एक समान होता है। और क्या तत्काल सूचना मिलने पर जयंत चौकी प्रभारी रामायण मिश्रा ने दल बल के साथ मौके पर पहुंचकर एनसीएल अधिकारियों को सख्त हिदायत देकर कार्यक्रम को बंद करने का आदेश दिया।
आग बबूला हुए एनसीएल के अधिकारी
चोरी ऊपर से सीना जोरी… इसका अर्थ आप बखुबी समझते होंगे। ये कहावत एनसीएल के अधिकारीयों पर चरितार्थ होती है। एक तो बिना परमिशन के नियमो को ताक पर रख कर कार्यक्रम का आयोजन कर रहें थें। जब मौके पर अनोखी आवाज की टीम पहुंची तो एनसीएल के अधिकारीयों की गलतियों को लाइव के जरिए सभी के समझ लाया गया तो। एक अधिकारी तो आग बबूला हो गए और क्या अपना आपा खो बैठे तत्काल ऑन कैमरा मोबाइल को बंद कराने लगें। ऐसे में अन्य अधिकारीयों ने उन्हे समझाया और कार्यक्रम को बंद कराने में जुट गए।

बड़े अधिकारी थे मौजूद,सोशल मीडिया पर कार्यवाही की मांग
शुक्रवार के देर रात जयंत के मनोरंजन क्लब में चल रही विदाई कार्यक्रम में जब पुलिस पहुंची तो जयंत परियोजना के तमाम अधिकारी मौजूद थे। एसओपी सफदर खान से लेकर अन्य बड़े अफसर भी मौजूद थे। ऐसे में सवाल उठना तो लाजमी है। कि जब शिक्षित व्यक्ति ही अशिक्षित का परिचय देता है तो क्या आगे क्या आशा रखी जाएं। वही सोशल मीडिया पर लोग एनसीएल के अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग कर रहें है। अब देखना होगा की जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जाती हैं या नाईट कर्फ्यू का नियम आम जनता के लिए सीमित है…?