आयुक्त की मेरबानी समझ के परे,सत्ता से अच्छा गठजोड
अनोखी आवाज सिंगरौली। नगर पालिक निगम में वर्षों से अंगद की तरह पाव जमाए बैठे व्हीपी उपाध्याय की अब करों विदाई क्योंकि ये वर्षों से काट रहे रसमलाई। जी हां उपाध्याय के विदाई का अब समय आ गया है ऐसा इसलिए क्योंकि की इनका सत्ता से तो अच्छा गठजोड है लेकिन इनकी मनमानी और कार्यप्रणाली से न केवन अन्य राजनीतिक दल हताहत है बल्कि आम जनमानस भी त्रस्त है। जिसको देखते हुए अन्दर ही अन्दर एक बडे आन्दोलन की रणनीति बन रही है जो उपाध्याय की कुर्सी हिला सकती है। हलांकि उपाध्याय की मनमानियों से त्रस्त लोग पहले भी इनके खिलाफ आन्दोलन कर चुके है लेकिन अभी तक परिणाम कुछ खास नहीं रहा है।जिस कारण श्री उपाध्याय का मनोबल और भी बढा हुआ है,पहले से भी ज्यादा मनमानी करने पर उतारू है।

आम जनमानस त्रस्त,सत्ता से गठजोड
नगर पालिक निगम सिंगरौली में वर्षों से जमें व्हीपी उपाध्याय की कार्यप्रणाली से आम जनमानस में रोष व्याप्त है। बात चाहे सिवरेज की हो अथवा प्रधानमंत्री आवास की ,इतना ही नहीं कार्यपालन यंत्री रहते हुए इन्हें स्वच्छता जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई जहां इनके आरोप है कि ये पद का दुरूपयोग करते हुए अपने रिश्तेदारों को कई तरह का लाभ पहुंचाए जिसमें प्रधानमंत्री आवास प्रमुख है। हलांकि जांच की जाए तो इनके काले कारनामों की लम्बी फेहरिस्त है लेकिन जांच हो भी तो कैसे…? भाजपाईयो से इनका चोली दामन का रिश्ता है..?
आयुक्त की इतनी मेहरबानी समझ के परे..?
दीदी और चाणक्य की संज्ञा वाले नेताओं की मेहरबानी के कारण आयुक्त आरपी सिंह को सिंगरौली जिलें से मोहभंग नहीं हो पा रहा है। बिते कुछ वर्षों तक आयुक्त महोदय भी अंगद के पाव की तरह जमकर बैठे थे लेकिन परिस्थितियां ऐसी निर्मित हुई की इन्हें जाना पडा लेकिन कुछ वर्षों मे ही आयुक्त महोदय को सिंगरौली की याद सताने लगी और फिर क्या दीदी और हमारे प्यारे चाणक्य की संज्ञा वाले बाबा ने इनकी ये ख्वाहिस भी पूरी कर दी। लेकिन आयुक्त व्हीपी उपाध्याय पर इतने क्यों मेहरबान है यह समझ के परें है। हालांकि आयुक्त महोदय न जाने इन दिनों कहा व्यस्त रहते है..उन्हें फोन उठाने तक का वक्त नहीं है।