Pachmarhi View: भारत देश जितना विशाल है उतना ही विविधताओं से भी परिपूर्ण है। देश के विभिन्न भागों में तरह-तरह की विविधता देखने को मिलती है। इन्हीं में से एक है धरती का स्वर्ग या जन्नत कहा जाने वाला कश्मीर। यहां कुदरत ने इतनी खूबसूरती बिखेरी है कि लगता है कि स्वर्ग में आ गए। दूसरी ओर हमारे अपने मध्यप्रदेश में भी खूबसूरत स्थानों की कोई कमी नहीं है। मध्यप्रदेश में एक ऐसा स्थान भी है जिसकी तुलना धरती के स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर से की जा सकती है। यह स्थान है प्राकृतिक सौंदर्य से लबालब होने के साथ ही भक्ति भाव से भी परिपूर्ण कर देने वाला पचमढ़ी।
सर्दियों में बनाये घूमने का प्लान और करे मध्यप्रदेश के स्वर्ग की सैर

Pachmarhi View: हाल ही में पंचायत राज ग्रामीण विकास के मास्टर रिसोर्स पर्सन के प्रशिक्षण के सिलसिले में मुझे पचमढ़ी की सैर करने का सौभाग्य मिला। बैतूल जिले से हम 15 रिसोर्स पर्सन संजय गांधी युवा प्रशिक्षण संस्थान पचमढ़ी पहुंचे थे। इसमें मेरे साथ बैतूल से इंद्रदेव कवडकर, आठनेर से गोवर्धन राने, चारुमति वंजारे, ट्विंकल वंजारे, भैसदेही से सत्यदेवी लोखंडे भी शामिल थे। हमने पचमढ़ी के प्रमुख स्थानों की सैर की और पाया कि वाकई पचमढ़ी के हर हिस्से में बला की खूबसूरती है।
मन को मोह लेगा पचमढ़ी का ये सूंदर द्रश्य

Pachmarhi View: पचमढ़ी एक पहाड़ी एरिया है जो कि चारों तरफ पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां की सुंदरता देखते ही बनती हैं। यहां पर भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने दूर-दूर से लोग आते हैं। जिसमें महाराष्ट्र से सबसे अधिक मात्रा में भक्त यहां आते हैं। पचमढ़ी में महाशिवरात्रि पर भव्य मेले का आयोजन भी होता है। जिसमें लोग पैदल चलकर यहां तक पहुंचते हैं। भगवान भोलेनाथ के दर्शन करते हैं।
Pachmarhi View: सर्दियों में घूमने के लिए पचमढ़ी के प्रमुख स्थान मन को मोह लेगा सूंदर द्रश्य मध्यप्रदेश में ही करे स्वर्ग सैर

Pachmarhi View: पचमढ़ी पहुंचने के लिए दो अलग-अलग रास्ते हैं। पहला है नर्मदापुरम जिले की पिपरिया तहसील से मटकुली होकर और दूसरा छिंदवाड़ा जिले की तामिया तहसील से मटकुली पहुंच सकते हैं। उसके बाद मटकुली से 30 किलोमीटर की दूरी है पचमढ़ी की, जो बड़ा महादेव मंदिर के नाम से विख्यात है। बड़ा महादेव मंदिर से चौरागढ़ के लिए साढ़े 3 किलोमीटर पैदल पहाड़ पर चलना होता हैं।
Pachmarhi View: जहां भोले बाबा पहाड़ के ऊपर विराजमान हैं। इस जगह तक लोग सौ-सौ किलो के त्रिशूल लेकर पैदल चौरागढ़ तक पर चढ़ते हैं। जिसकी ऊंचाई मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ के समकक्ष है। धूपगढ़ भी पचमढ़ी में ही स्थित है, जिसकी पचमढ़ी से दूरी 20 किलोमीटर है। यह पूरा फॉरेस्ट एरिया है। चौरागढ़ से चारों तरफ सतपुड़ा के घने जंगल देखते ही बनते हैं। प्रकृति का अनोखा सौंदर्य यहां है। चारों और बड़े-बड़े पहाड़ एवं पातालकोट जैसा दृश्य। उसके पश्चात दूसरा एक पॉइंट गुप्त महादेव का भी है जहां पर भोलेनाथ पहाड़ के अंदर विराजमान हैं।

Pachmarhi View: एक पॉइंट है जिसे हम जटाशंकर के नाम से जानते हैं। जटाशंकर पचमढ़ी से 3 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसा बताते हैं कि भगवान भोलेनाथ की जटा एक जगह पर स्थित है जिसका प्रकृति 24 घंटे जलाभिषेक करती है। भक्त भी इस जगह पर आकर स्नान करते हैं और पुण्य लाभ अर्जित करते हैं। दोनों तरफ पहाड़ों के बीच स्थित जटाशंकर भी अपनी एक अलग ही सुंदरता बिखेरता है। पचमढ़ी में पांडव गुफाएं भी स्थित हैं। इसके बारे में बताते हैं कि पांडव इस जगह पर आए थे एवं यहां आकर रुके थे। बी फॉल का बहुत ही मनमोहक दृश्य है। यहां से जाने का मन ही नहीं करता।
Pachmarhi View: रीछ गढ़, पद्मनी तालाब, प्रियदर्शनी म्यूजियम, हांडी खोह एवं राजेंद्रगिरी जहां भारत के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का स्टेच्यु है एवं यहां सनसेट पॉइंट भी है। यहां से हम धूपगढ़ की चोटी एवं चौरागढ़ के मंदिर का नजारा भी देख सकते हैं। पचमढ़ी में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, आर्मी कैंप एवं अन्य ट्रेनिंग सेंटर भी स्थित है। पचमढ़ी में ऐसी बहुत सारी जगह है जो पचमढ़ी को मध्य प्रदेश का कश्मीर बनाती हैं। यहां जो भी आता है इस जगह से मुग्ध हो जाता है। सतपुड़ा के घने जंगलों के बीच स्थित यह स्थान भगवान भोलेनाथ का धार्मिक आस्था का केंद्र भी है। दूसरा यहां की सुंदरता हर किसी को भाती है।