Mughal Haram: मुगलों की अय्याशी का अड्डा था मुगल हरम?,जाने क्या होता था हरम में

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Mughal Haram: आज के इस लेख में हम आपको बताएँगे कि हरम के हालात कैसे थे और मुग़ल हरम में महिलाओ की स्थिति कैसी होती थी, वैसे तो किसी पुरुष को हरम में जाने की अनुमति नहीं थी लेकिन अगर कोई बीमार होता तो चिकित्सक को बुलाया जाता था, जानकारी के मुताबित बताया जा रहा है कि अकबर के हरम में 5 हजार से ज्यादा रानियां थी. लेकिन हरम के अंदर इन औरतों की क्या हालत थी ये आज हम आपको बताते हैं-

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Mughal Haram

Mughal Haram: हरम में स्त्रियों की संख्या इतनी अधिक थी कि कभी-कभी उन्हें राजा को देखने का अवसर नहीं मिलता था। लेकिन हरम में सभी महिलाओं की स्थिति एक जैसी नहीं थी। सम्राट की पत्नियों में, जिसने पहले पुत्र को जन्म दिया, उसे हरम में सम्मानित किया गया। जो बीमार थे उन्हें बीमार खाने के लिए भेजा गया।

Mughal Haram: अबुल फजल ने आईन-ए-अकबरी में बताया है कि शाही हरम के अंदर महिला सुरक्षाकर्मी थीं और पास में हिजड़ों की एक टुकड़ी थी। ये हिजड़े बड़े से बड़े योद्धाओं को भी मात देने में सक्षम थे, अबुल फजल आईन-ए-अकबरी में लिखता है कि बादशाह अकबर के हरम में 5,000 औरतें थीं, हालांकि पिछले दो बादशाहों के समय इनकी संख्या 300 और 400 थी। .

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Mughal Haram: हरम में काम करने वालों का वेतन निश्चित था। सबसे अधिक वेतन पुलिसवाले का होता था। जिन्हें एक हजार से 1500 रुपये महीना मिलते थे। यह उन दिनों बहुत बड़ी रकम हुआ करती थी। हरम में काम करने वाले साधारण नौकरों को भी 2 से 51 रुपए प्रति माह वेतन दिया जा रहा था। हरम पर होने वाले खर्च का पूरा हिसाब कोषाध्यक्ष रखता था। इस तरह के मुगल हरम दिल्ली, आगरा, फतेहपुर सीकरी और लाहौर, अहमदाबाद, बुहरानपुर, दौलताबाद, मांचू और श्रीनगर में बनाए गए थे।

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