Lucky Stone :हिंदू धर्म में रत्न शास्त्र के अनुसार रखना और मनुष्यों का बहुत ही ज्यादा मान्यता है और इसका सावधानीपूर्वक चुनाव भी किया जाता है। हिंदू धर्म में यह सब शोभा बढ़ाने की चीज नहीं होते हैं बल्कि इसका अलौकिक मान्यता भी होता है।
ग्रहों के अनुसार लोग अलग-अलग रात में धारण करते हैं ताकि उनका जिंदगी में शुभ चीजें हो और उनके परिवार में खुशियां बनी रहे। अलग-अलग रत्नों का अलग-अलग मान्यता है।

वहीं कुछ लोग रत्न को शौक- शौक में धारण कर लेते हैं, जो कि गलत है। क्योंकि रत्न को हमेशा कुंडली का विश्लेषण कराकर ही धारण करना चाहिए। जिससे उस रत्न से संबंधित ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
आपको बता दें कि वहीं कभी भी मारक, बाधक, नीच या अशुभ ग्रह का रत्न नहीं पहनना चाहिए। साथ ही रत्न हमेशा शुभ ग्रह यदि अस्त है या निर्बल है तो उसका पहनना चाहिए। ताकि उस ग्रह के असर को बढ़ाकर शुभ फलों में बढ़ोतरी की जा सके।
आज हम बात करने जा रहे हैं माणिक्य रत्न के बारे में, जिसको ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रह का रत्न माना गया है। ज्योतिष में भगवान सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। साथ ही सूर्य को मान- सम्मान और प्रतिष्ठा का कारक माना गया है। आइए जानते हैं माणिक्य धारण करने के लाभ और पहनने की सही विधि…
माणिक्य धारण करने के लाभ:
माणिक्य धारण करने से व्यक्ति को मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। साथ ही माणिक्य पहनकर सूर्य उपासना करने से सूर्य की पूजा का फल दोगुना हो जाता है। साथ ही माणिक्य धारण करने से सूर्य प्रभावित रोग( ह्रदय रोग, आंख के रोग, पित्त विकार) रोगों से मुक्ति मिलती है। सरकारी क्षेत्र में जो लोग कार्यरत हैं, उन लोगों को भी माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए। माणिक्य रत्न धारण करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
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