Kidney Stones : इन दिनों बड़ी संख्या में लोग किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी की समस्या से जूझ रहे हैं. खासतौर से युवाओं में यह परेशानी तेजी से बढ़ती जा रही है.
कई बार लोग किडनी स्टोन के शुरुआती लक्षण नहीं पहचान पाते और इसकी वजह से परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है. अगर इसका सही समय पर इलाज न कराया जाए, तो यूरिनरी प्रॉब्लम, इंफेक्शन और किडनी डैमेज होने की नौबत आ जाती है.
Kidney Stones :इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को खाने-पीने को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए. आपको किडनी स्टोन के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में बता रहे हैं.
किडनी स्टोन की क्या है वजह?
मेडिकल न्यूज टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक किडनी में जब डिसॉल्व मिनरल इकट्ठा हो जाते हैं और बाहर नहीं निकल पाते, तब पथरी बन जाती है.
Kidney Stones :उचित मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन न करने से यह समस्या हो सकती है. एक स्टडी के अनुसार खाने-पीने को लेकर लापरवाही और क्लाइमेट चेंज भी किडनी स्टोन के मामले बढ़ने के लिए जिम्मेदार है.
कुछ लोगों की मेडिकल हिस्ट्री, बिगड़ती लाइफस्टाइल, मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर समेत कई कारण इसका कारण बन सकते हैं.
किडनी स्टोन के लक्षण जान लीजिए
किडनी स्टोन के मामलों में हर बार लक्षण नजर नहीं आते. कई बार लोगों को पता भी नहीं चलता और उनकी पथरी यूरिन के रास्ते बाहर निकल जाती है. कई मामलों में किडनी स्टोन के लक्षण नजर आते हैं.
Kidney Stones :इसके नॉर्मल लक्षण कमर में दर्द, पेट के किनारे या दोनों ओर दर्द होना, पेशाब में खून आना, उल्टी आना, जी मिचलाना, यूटीआई, बुखार, ठंड लगना, कमजोरी और थकान होते हैं.
Kidney Stones : किडनी स्टोन की समस्या तेजी से बढ़ रही, जानें इसके लक्षण और बचाव
यदि गुर्दे की पथरी यूरिन के रास्ते को अवरुद्ध करती है, तो किडनी में संक्रमण हो सकता है. जब गुर्दे की पथरी शरीर के अंदर रह जाती है, तो जटिलताएं विकसित हो सकती हैं. इस वजह से क्रोनिक किडनी रोग का खतरा बढ़ सकता है.

ऐसे कर सकते हैं बचाव
Kidney Stones :अगर आप हर दिन अपनी डाइट में तरल पदार्थ शामिल करें और सही मात्रा में पानी पीएं, तो इससे बचा जा सकता है.
अपनी लाइफस्टाइल को सुधारना चाहिए और हेल्दी डाइट लेनी चाहिए. फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए. हर दिन फिजिकल एक्टिविटी या वॉकिंग करनी चाहिए.
Kidney Stones :नमक और सोडा से परहेज करना चाहिए. इसके अलावा किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. लापरवाही बिलकुल नहीं बरतनी चाहिए, क्योंकि कई मामले गंभीर स्थिति में पहुंच जाते हैं. इसलिए शुरुआती दौर में ही ट्रीटमेंट करा लेना चाहिए.