अनोखी आवाज़ नई दिल्ली. बैंक से लोन लेने में अक्सर क्रेडिट स्कोर (Credit Score) का जिक्र आता है. दरअसल, क्रेडिट स्कोर कर्ज अदा करने की किसी व्यक्ति की साख को नापने का महत्वपूर्ण पैमाना है. आमतौर पर 750 या उससे ज्यादा का क्रेडिट स्कोर बेहतर माना जाता है. आपको लोन या क्रेडिट कार्ड मिलेगा या नहीं, इसका फैसला क्रेडिट स्कोर के आधार पर किया जाता है. ऐसे में आपको अपने क्रेडिट स्कोर का खास ध्यान रखना चाहिए.
1.ड्यू डेट की तारीख याद रखें
अगर आपने क्रेडिट कार्ड से कोई भी प्रोडक्ट खरीदा है तो उसके पेमेंट की आखिरी तारीख यानी ड्यू डेट जरूर याद रखें. क्योंकि इसमें लापरवाही करने से आपके क्रेडिट स्कोर पर खराब असर पड़ सकता है.
2. क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो कम रखें
क्रेडिट स्कोर पर क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो (Credit Utilization Ratio – CUR) का बहुत प्रभाव पड़ता है. आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड का कितना इस्तेमाल करते हैं. आमतौर पर क्रेडिट कार्ड कंपनियां क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो को ज्यादा होने पर कर्ज का संकेत मानते हैं. उदाहरण के लिए आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट एक लाख रुपये और आपने 40 हजार रुपये खर्च किया है तो आपकी क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो 40 फीसदी का होगा
3. बार-बार न बढ़ाएं क्रेडिट कार्ड की लिमिट
कंपनी आपके अच्छे क्रेडिट स्कोर को देखकर भी आपके कार्ड पर लिमिट बढ़ाने के लिए बार-बार कॉल करेगी या फिर कई कार्डधारक अधिक खर्चों के कारण अपनी कार्ड लिमिट बढ़वा लेते हैं. कार्ड लिमिट बढ़ने से बिल ज्यादा होने की स्थिति में आप कर्ज में डूब सकते हैं.
4. सेटलमेंट नहीं लोन को खत्म करें
क्रेडिट स्कोर की हिस्ट्री में भी यह भी देखा जाता है कि पुराने लोन चुकाए हैं या उनका सेटलमेंट किया गया है. सेटलमेंट में कर्जदाता का जोखिम बढ़ता है और क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ता है.
5. धोखाधड़ी के बारे में सतर्क रहना
पिछले कुछ महीनों में ग्राहकों ने विभिन्न बिल के पेमेंट के लिए डिजिटल ट्रांजैक्श्न को तेजी से अपनाया है जिससे ऑनलाइन फ्रॉड में भी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में किसी से भी ओटीपी, क्रेडिट और डेबिट कार्ड का सीवीवी नंबर और नेट बैंकिंग पासवर्ड शेयर न करें