Hindu Dharm: सनातन धर्म में मनुष्य के मुख्य संस्कारों में से एक विवाह संस्कार भी है। विवाह संस्कार व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण संस्कार होता है क्योंकि विवाह एक नये परिवार और अपनी पीढ़ी को आगे बढ़ाने का आधार होता है।
विवाह दो व्यक्तियों का नहीं बल्कि दो परिवारों के मिलन का संस्कार होता है। विवाह के ज़रिये दो एकदम अनजान परिवार भी एक दूसरे को जानते समझते हैं और विवाह के सूत्र में बंधते हैं।
Hindu Dharm:हिंदू धर्म में शादी विवाह का बहुत ज्यादा महत्व है और शादी को लेकर कई तरह की रस्में रिवाज है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि शादी सिर्फ दो लोगों की नहीं होती है बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है।
Hindu Dharm:जानिए हिंदू धर्म के अनुसार मां अपने बेटे के फेरे को नहीं देखती है ,जानिए क्या है वजह

Hindu Dharm:हर मां का सपना होता है कि वह अपने बेटे की शादी कराई और उसका घर बस्ता हुआ देखें। लेकिन हिंदू धर्म के अनुसार मां अपने बेटे के फेरे को नहीं देखती है ना ही अपने बेटे की शादी में जाती है।आजकल बदलते जमाने के अनुसार कई मां अपने बेटे की शादी में चली जाती है लेकिन शास्त्रों में ऐसा लिखा है कि मां बेटे की शादी में नहीं जाती है। तो आइए जानते हैं क्यों नहीं जाती है मां बेटे की शादी में –

Hindu Dharm:मुगल काल से यह परंपरा शुरू हुई थी जब महिलाएं बेटे की शादी में जाती थी तो उनके पीछे से घर में लूटपाट हो जाती थी यही कारण थी कि महिलाएं घर में रहकर घर की रखवाली करने लगी। जब बारात चली आती है तो महिलाएं घर पर रहकर ढोल नगाड़े बजाकर ने तय करती है।