Health Tips: इस तरह से होती है गले के कैंसर की शुरुआत, जल्दी करे चेकअप नहीं तो धोना पड़ेगा जान से हाथ, कैंसर किसी भी प्रकार का हो, दर्दनाक और खतरनाक ही होता हैं। कैंसर हमारे शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है, जैसे गले में, ब्रेन में, लंग्स में, ब्रैस्ट में और कहीं भी। भारत के कई शहरों में कैंसर के इलाज के लिए अस्पताल बने हुए हैं। हालांकि, कैंसर का इलाज किया जा सकता है. अगर इसका पता जल्दी चल जाए तो।
कैंसर के लक्षणों पर नजर डाले
Health Tips:अगर कैंसर ज्यादा फैलने के बाद पता चलता है तो संक्रमित व्यक्ति को बचा पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। इस वजह से समय रहते इसके कुछ लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए। आगे इस लेख में गले के कैंसर के बारे में बताया गया है ताकि आपको सही समय पर इसका पता चल सके।
गले का कैंसर कैसे होता है?
Health Tips:आज हम चर्चा करेंगे गले के कैंसर की। गले का कैंसर एक तरह की गंभीर बीमारी है। इसे अंग्रेजी में Throat Cancer कहते हैं। यह एक तरह का ट्यूमर होता है, जो कि गले में होता है।
सबसे पहले इन गलत चीज़ो का सेवन करना बंद करे
Health Tips:सबसे पहले तो यह जानते हैं कि गले का कैंसर होता क्यों हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है गलत चीज़ो का सेवन करना जैसे तम्बाकू, पान, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, शराब । जो व्यक्ति इनमें से किसी भी चीज का बहुत ज्यादा सेवन करता है उन्हें इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है।
कैंसर से जुडी मुख्य बाते
Health Tips:कई बार ऐसा भी होता है कि इनमें से किसी भी चीज का सेवन न करने पर भी कैंसर हो जाता है। वो इसलिए की अगर कोई केमिकल्स के एक्सपोज़र में ज्यादा रहता है, तो उन्हें भी कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

Health Tips:इन कारणों से भी होता है कैंसर
- अगर किसी का लगातार वजन कम होता जा रहा हैं, बिना कोई कारण के ।
- लगातार गले में दर्द रहना ।
- अचानक से आवाज़ का बदल जाना।
- मुँह से खून आना।
- मुँह में बार-बार छाले होना। किसी भी दवाई से छाले ठीक न होना।
- खाना खाते टाइम या कुछ भी खाते वक़्त गले में दिक्कत होना। शुरुआत में सिर्फ कुछ खाते वक़्त ही कठिनाई होती हैं पर धीरे-धीरे जब समस्या बढ़ जाती हैं तो पानी पीते वक़्त भी दिक्कतें होने लगती हैं।
- गर्दन में सूजन और दर्द बना रहना।
- लंबे समय तक कानों में दर्द रहना ।
लक्षण दिखने पर करे यह काम
Health Tips:अगर इनमे से कोई भी लक्षण आपको दिखे तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। टेस्ट करवाना चाहिए। टेस्ट में कॉमन होते हैं MRI और सिटी स्कैन। अगर थाइरोइड से जुड़ी कोई समस्या है तो TFT यानी थाइरोइड फंक्शन टेस्ट कराया जाता है।