मटर की खेती के लिए उन्नत तकनीक
Farming Tips: खेत की तैयारी: मटर की खेती के लिए दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी मानी जाती है हालांकि मटर की खेती के लिए बलुई,चिकनी मिट्टी भी अच्छी होती है, खरीफ फसल की कटाई के बाद खेत के दो-तीन बार हल से जुताई कर दे,अब इस पर पाटा लगा दे,बीज के अंकुरण के लिए मिट्टी में नमी होना जरूरी है.
Farming Tips: मटर की बीच की बुवाई अक्टूबर से नवंबर महीने में की जाती है,इसकी बुआई के लिए लगभग प्रति एकड़ 30 से 40 किलो बीज का उपयोग किया जाता है,बुवाई के पहले बीजों का उपचार करें,रासायनिक तरीके से उपचार करने के बाद अच्छी पैदावार के लिए उसमें एक बार राइजोबियम लेगोमेनीसोरम से उपचार करें,इसमें लगभग 10 से 20 ग्राम चीनी या गुड का घोल को बीजों पर लगा कर सुखा ले,अब तैयार खेत में बीज को मिट्टी में कम से कम 3 से 4 सेंटीमीटर गहराई में इस विधि से बीज रोपण करने से पैदावार में 10 से 15 परसेंट की वृद्धि होगी।
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निंदाई जरूर करें
Farming Tips: मटर के बीज की किस्म के आधार पर निंदाई करने की आवश्यकता होती है,पहली निंदाई बुवाई के दो से तीन हफ्तों के बाद की जा सकती है और इसकी रोकथाम के लिए तननाशक का प्रयोग कर सकते हैं.
पौधों पर कीट प्रबंधन
Farming Tips: मटर के पौधे के पत्तियों और तनों को सुरंगी की ओर से खतरा होता है,यह फसल को बर्बाद कर सकती है,इनके लिए 900 ग्राम 10 लीटर पानी में डालकर पर स्प्रे करें,जरूरत पड़ने पर प्रति 15 दिन बाद इसका स्प्रे करें।