Earthquake: उत्तरी भारत के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस हुए। जिसका केंद्र बिंदु नेपाल है। दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार दोपहर 2.30 बजे भूकंप आया था। बताया जा रहा है कि दिल्ली से उत्तराखंड तक काफी देर भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिससे उत्तराखंड के जोशीमठ में दहशत का माहौल बना हुआ है। पहले ही जोशीमठ धीरे धीरे जमीन में समा रहा है। अब और ये भूकंप आने से पता नहीं क्या होगा। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई है। उत्तराखंड में जोशीमठ आपदा के बीच मंगलवार को भूकंप से धरती डोल गई।
Earthquake:उत्तरभारत के कई राज्य भूकंप से डोलो
Earthquake:नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार यह भूकंप न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर बल्कि उत्तराखंड, यूपी के कई हिस्सों में भी महसूस किया गया हैं। नेपाल में 2.28 बजे 5.8 की तीव्रता का भूकंप आया था। जिसका असर दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखंड व यूपी के कई जिलों में देखने को मिला है। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा की नेपाल में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे भूकंप होने के बाद भी इतनी देर तक इसका असर महसूस हुआ। भूकंप के झटके इतनी तेज थे कि लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। गढ़वाल और कुमाऊं में दोपहर करीब 2:29 मिनट पर कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
जोशीमठ में है दहशत का माहौल
Earthquake:पहले ही आपदा का कहर झेल रहे उत्तखण्ड के लोगों के सामने अब एक और संकट आकर खड़ा हो गया है। लोगों के दिलों में खौफ ने घर कर लिया है पता नहीं कब कुदरत का कहर उन पर बरस जाए। वहीं, पिथौरागढ़ आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 5.8 मैग्नीट्यूड मापी गई है। उत्तराखंड के देहरादून,चमोली, श्रीनगर गढ़वाल, चंपावत, पंतनगर, भीमताल, बागेश्वर, हल्द्वानी, रुद्रपुर, पहाड़पानी और नैनीताल में भूकंप के तेज झटके महसूस हुए। भूकंप आते ही लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर से उधर भागने लगे।

भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी की काफी देर तक इसका असर रहा
Earthquake:बता दें भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी की काफी देर तक इसका असर रहा। भूकंप को रिक्टर स्केल द्वारा नापा जाता है। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। लेकिन इनसे धरती पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता यानि की धरती जरा सा भी नहीं हिलती है। वहीँ 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले भूकंप एक साल में 49,000 बार आते हैं। इन्हें महसूस तो होते है लेकिन इनसे किसी प्रकार का कोई नुकसान पहुंचता है। अब आते है 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले भूकंप जिनसे पूरी पृथ्वी काँप जाती और भयानक तबाही होती है।