Car Loan: शॉर्ट या लॉन्ग टर्म कार लोन, कौन सा रहेगा बेतहर, कैसे करें चुनाव, जानें यहां

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कार एक ऐसी संपत्ति है जिसकी कीमत लगातार कम होती है. इसलिए, कार लोन चुनते समय सावधान रहें.
आमतौर पर, लोग कर्ज चुकाने के लिए लंबी अवधि का विकल्प चुनते हैं. इसमें ज्यादा ब्याज और एक्स्ट्रा वित्तीय बोझ भी शामिल है. ध्यान रखें, आप जितने लंबे समय का कार-लोन का विकल्प चुनते हैं, आपके लिए उतना ही अधिक ब्याज खर्च होगा. इसलिए, विशेषज्ञों का सुझाव है कि ज्यादा ब्याज से बचने के लिए लोन लेने वाले को लंबी अवधि के लिए लोन लेने से बचना चाहिए.
Car Loan EMI: कार या घर खरीदते समय आपको बैंक लोन की जरूरत पड़ती ही है. लेकिन लोन लंबे समय के लिए लिया जाए या फिर शॉर्ट टर्म के लिए, इसका चुनाव करना थोड़ा मुश्किलभरा होता है. ईएमआई कैसी होनी चाहिए, लोन कितने समय का कराया जाए, ये सारी बातें कार या खरीदते समय सामने आती हैं.

आम तौर पर, बैंक या अन्य फाइनेंशर अधिकतम 7-8 वर्षों के लिए कार लोन उपलब्ध कराते हैं. जैसे- भारतीय स्टेट बैंक- एसबीआई (SBI) 7 साल के लिए कार लोन प्रदान करता है. विशेषज्ञों का कहना है कि कार लोन का ऑप्शन चुनते समय भले ही बैंक अब लंबी अवधि की पेशकश करते हैं. लेकिन लोन लेने वालों को ईएमआई को ध्यान में रखते हुए शॉर्ट टर्म के लिए ही कार लोन का ऑप्शन चुनना चाहिए.
शॉर्ट टर्म लोन पर हमें ज्यादा ईएमआई का भुगतान करना होता है. हालांकि, भले ही कम अवधि का मतलब अधिक ईएमआई का भुगतान करना है, लेकिन इसका मतलब आपको कम ब्याज का भुगतान करना होता है. शॉर्ट टर्म लोन होने पर आप जल्द ही कर्ज से मुक्त भी हो जाते हैं.

उदाहरण के लिए, यदि आप 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ 10 लाख रुपये का कार ऋण लेते हैं, तो 4 साल के कार ऋण के लिए ईएमआई लगभग 24,000 रुपये होगी, जबकि 8 साल के कार ऋण के लिए ईएमआई तकरीबन 14,000 रुपये होगी. चार साल के कार लोन पर आपको 1.83 रुपये का ब्याज चुकाना होगा, जबकि 8 साल के लिए यह ब्याज 3.81 लाख रुपये आता है.
आमतौर पर, लोग कर्ज चुकाने के लिए लंबी अवधि का विकल्प चुनते हैं. इसमें ज्यादा ब्याज और एक्स्ट्रा वित्तीय बोझ भी शामिल है. ध्यान रखें, आप जितने लंबे समय का कार-लोन का विकल्प चुनते हैं, आपके लिए उतना ही अधिक ब्याज खर्च होगा. इसलिए, विशेषज्ञों का सुझाव है कि ज्यादा ब्याज से बचने के लिए लोन लेने वाले को लंबी अवधि के लिए लोन लेने से बचना चाहिए.
यह सही है कि शॉर्ट टर्म लोन पर आपको लॉन्ग टर्म के मुकाबले कम ब्याज का भुगतान करना होता है. और लोन देने वाला आमतौर पर लॉन्ग टर्म के लिए लोन ऑफर करता है. फाइनेंशर लंबे समय के लिए करीब 50 बेसिस प्वाइंट का ब्याज वसूलते हैं.
एक और ध्यान देने योग्य बात यह है कि कार की औसत इस्तेमाल का समय आमतौर पर 5-6 वर्ष साल है, जिसके बाद इसे या तो बेचा जाता है या पुराने डीलर को दिया जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे में लंबे समय का लोन एक परेशानी बन जाता है क्योंकि कार मालिक को कार को बेचने के बाद भी बकाया लोन का भुगतान करते रहना होगा.
कार निर्माता भी आमतौर पर 8 साल की वारंटी नहीं देते हैं, इसलिए कार खरीदने के शुरुआती कुछ वर्षों के बाद इसके रख-रखाव पर ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है. साथ में ईएमआई का बोझ आप पर डबल बोझ डाल सकता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही ज्यादातर लोग कार खरीदने का सपना देखते हैं, लेकिन कार एक ऐसी संपत्ति है जिसकी कीमत लगातार कम होती है. इसलिए, कार लोन चुनते समय सावधान रहें. ब्याज दर के साथ-साथ प्रोसेसिंग शुल्क, प्री-पेमेंट शुल्क और कार लोन से जुड़े अन्य शुल्कों की भी जांच करें.
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