पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले ने बुधवार को एक नया मोड़ ले लिया। प्रवर्तन निदेशालय ने कोलकाता के पास बेलघोरिया में स्थित अर्पिता मुखर्जी के एक अन्य घर से 20 करोड़ रुपये और बरामद किए हैं।

पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले ने बुधवार को एक नया मोड़ ले लिया। प्रवर्तन निदेशालय ने कोलकाता के पास बेलघोरिया में स्थित अर्पिता मुखर्जी के एक अन्य घर से 20 करोड़ रुपये और बरामद किए हैं। गुरुवार सुबह चार बजे तक नोटों की गिनती जारी रही। जांच एजेंसी ने अभी तक बरामदगी पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक इस फ्लैट से नकदी के अलावा काफी सारा सोना और जेवर भी बरामद हुए हैं। भाजपा के दिलीप घोष ने कहा कि मामला पुराना है।जांच धीमी गति से चल रही थी, लेकिन अब कोई बच नहीं रहा है।
बीजेपी नेता घोष ने कहा, “पार्थ चटर्जी लंबे समय से सीबीआई, ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं, जिसने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है। अर्पिता मुखर्जी ने पहले ही सब कुछ बताना शुरू कर दिया है। हम सुन रहे हैं।”
छापेमारी की 10 बड़ी बातें:
1. अर्पिता मुखर्जी से पूछताछ के बाद ईडी के अधिकारियों ने उनके बेलघोरिया फ्लैट पर छापा मारा। बेलघोरिया में बुधवार को दो फ्लैटों पर छापेमारी की गई। एक में पैसा और सोना मिला।
2. नोटों की गिनती बुधवार शाम 6 बजे शुरू हुई और गुरुवार को सुबह 4 बजे तक चली। नोट गिनने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनें लाई गईं।
3. बरामद धन की राशि ₹20 करोड़ से अधिक होने की संभावना है। वहीं, अर्पिता मुखर्जी के घर पर एक नोटिस मिला है, जिसमें दावा किया गया था कि मैंटिनेंस के लिए 11,819 रुपये राशि लंबित थी।
4. रिपोर्टों में कहा गया है कि अर्पिता मुखर्जी ने दावा किया कि पार्थ चटर्जी ने उनके घर को “मिनी बैंक” के रूप में इस्तेमाल किया।
5. गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी ने बुधवार को इस्तीफे के सवालों का जवाब दिया और कहा, “इस्तीफ़ा देने का क्या कारण है?”
6. ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि अर्पिता मुखर्जी पूछताछ के दौरान सहयोग कर रही हैं, लेकिन पार्थ चटर्जी बहुत जिद्दी हैं। वे सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं।
7. तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि अर्पिता मुखर्जी के घर से नकदी की बरामदगी से पार्टी का अपमान हुआ है। उन्होंने कहा, “वह (पार्थ चटर्जी) कह रहे हैं कि वह मंत्री का पद क्यों छोड़ेंगे। वह सार्वजनिक डोमेन में क्यों नहीं कह रहे हैं कि वह निर्दोष हैं? उन्हें ऐसा करने से क्या रोक रहा है?”
8. टीएमसी के मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ ने पार्थ चटर्जी को मंत्री या पार्टी के महासचिव के रूप में नामित करना बंद कर दिया है, हालांकि उनकी पार्टी का नाम इसके संपादक के रूप में प्रिंटर की लाइन में रहता है।
9. जागो बांग्ला में प्रकाशित एक बयान में कुणाल घोष ने स्पष्ट रूप से ईडी की कार्रवाई को उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के साथ जोड़ा है। उन्होंने कहा, “जिस दिन हम सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ अपना ज्ञापन सौंपने के लिए इस महीने राजभवन गए धनखड़ जी ने अचानक कहा कि वह पार्थ चटर्जी को नहीं छोड़ेंगे। हम सभी ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि यह सही नहीं हो सकता है, लेकिन वह अपने रुख पर अडिग थे।”
10. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि दोषी साबित होने वाले किसी भी व्यक्ति को दंडित किया जाना चाहिए, लेकिन मीडिया ट्रायल स्वीकार्य नहीं है। जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक दलों को बदनाम करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
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