Poision Tree:इस पेड़ से दुरी बनाये रखे,अँधा होने के साथ जान भी जा सकती है,जानिए इसके बारे में आज के समय में सब कुछ जहरीला बन चुका है. दवाओं से लेकर हवा और पानी सब कुछ जहरीला है. अगर इंसान इसके संपर्क में आ जाता है तो गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाता है. लेकिन वहीं दूसरी तरफ पेड़ पौधों को भी इंसानों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. मगर उनमें से भी कुछ काफी जहरीले बन चुके हैं. आपको जानकर हैरानी हो रही होगी लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने वाले हैं जिसकी सच्चाई आपको दंग कर देगी. ऐसा इसलिए क्योंकि यह कोई साधारण पेड़ नहीं है बल्कि दुनिया का सबसे जहरीला पेड़ माना जाता है. इस पेड़ पर ऐसे फल आते हैं जिसका एक टुकड़ा भी खा लिया तो जीवन समाप्त हो जाता है।

आज हम बात करने वाले हैं फ्लोरिडा और कैरेबियन सागर बीच के तटों पर पाए जाने वाले मैंसी नील पेड़ के विषय में. इस पेड़ के विषय में कहते हैं कि यह इतना जहरीला पेड़ माना जाता है कि अगर कोई भी इंसान इसके संपर्क में आ जाए तो उसके शरीर पर छाले होने लग जाते हैं. इस पर लगने वाला फल छोटे सेब के जैसा होता है जिसका अगर एक टुकड़ा भी खा लेते हैं तो जान चली जाती है।
इस पेड़ से दूर रहने की सलाह देते है बड़े बुजुर्ग
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस पेड़ की ऊंचाई 50 फीट की मानी जाती है. इस पेड़ की पत्तियां भी बहुत ही चमकदार और अंडाकार मानी जाती है. इस पेड़ को लेकर मान्यता है कि यह पेड़ इतना जहरीला होता है कि अगर कोई भी इसे संपर्क में आ जाता है तो उसकी बॉडी पर छाले होने लग जाते हैं. साथ ही इस पेड़ को छूने के बाद में अगर अपनी आंखें छू ली तो वह इंसान जीवन भर के लिए अंधा बन जाता है. इन पेड़ों के आसपास सावधानी बरतना बहुत ही जरूरी होता है. इससे लोगों को दूर रहने की भी चेतावनी दी जाती है।
इसका उपयोग फर्नीचर बनाने में होता है
वहीं दूसरी तरफ यह जहरीला पेड़ भले ही माना जाता है लेकिन स्थानीय लोगों में इस पेड़ की अहम भूमिका होती है. यह पेड़ कैरेबियाई सागर के तटों पर मौजूद होता है और मिट्टी के कटाव को रोकने में बहुत ही सहायता करता है. साथ ही कैरेबियाई कारपेंटर इसका इस्तेमाल सैकड़ों वर्षों से फर्नीचर बनाने में भी करते हैं. कारपेंटर इस पेड़ की कटाई बहुत ही अच्छे तरीके से किया करते हैं. वह लोग जहरीले रस को खत्म करने के लिए काटने के बाद इस पेड़ की लकड़ियों को धूप में लंबे समय तक सुखा दिया करते हैं जिससे कि किसी भी खतरे के बिना उन लकड़ियों से फर्नीचर बना सकें।